लिखने से पहले ही स्पष्ट करना चाहुंगा कि मेरा उद्धेश्य किसी का अपमान करना नहीं हे परन्तु कहे बिना रहा भी नही जाता. योग और अध्यात्म के विषय में इन दिनो देश के दो महान योगी श्री स्वामी रामदेव और श्री श्री रवि शंकर जी जो भारतीय संस्कृति ओर भारतीयता के बारे में दिन रात प्रचार कर रहे हैं. यहां वहां शिविर आयोजित कर देश की जनता का स्वास्थय सुधार रहे हैं ( स्वयं मैने इन दोनो से स्वास्थय लाभ लिया एवं ध्यान करना सीखा है) परन्तु अखरने वाली बात यह है कि इन दोनो संस्थाओं क्रमशः दिव्य योग एवं आर्ट ओफ़ लीवींग की अधिकारिक वेब साईट अभी तक हिन्दी भाषा में नही बनी है, जब की अमेरीका जाकर ध्यान सिखाने वाले एक ओर महान दार्शनिक ओशो की साईट हिन्दी के अलावा अन्य १२ विदेशी भाषाओं में है.
सोमवार, अप्रैल 10, 2006
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2 टिप्पणियां:
इससे इन दोनो का देशप्रेम साफ झलकता है।
वास्तव में तो शर्म आनी चाहिये इन्हे।
मेरे भाईयों,
बात यह नहीं है. बहुत से लोग अभी भी यूनीकोड आदी के बारे में नहीं जानते.
हो सकता है की इस वेब साइट को बनाने वाले को भी यूनीकोड के बारे मे न मालूम हो.
मैं हमेशा ऐसे लोग को देखता हूँ जो वेब पर हिन्दी देखकर विस्मित हो जाते हैं.
भैया, आम लोगों को कम्प्यूटर की इतनी जानकारी नहीं रहती जितनी की आप सोचते हैं.
अगर आप को लगता है कोई साइट हिन्दी में होनी चाहिये, तो फिर उन साइटों के वेब मास्टर को ई.मेल लिखिये, और अवगत कराइये उन्हे यूनीकोड से.
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