रत्ना जी ने कुछ दिनों पहले जिसे देखा जिसे इलाहाबाद-लखनऊ पथ पर और अपने चिठ्ठे पर तेजस्वी बच्चे का जिक्र किया जो सड़कों पर अपना "गियान" (ज्ञान) बेचता था, इस दिशा में और अध्ययन किया तो एसे कई और तेजस्वी दुनिया में हो चुके हैं। उनमें से कुछेक का जिक्र यहाँ करना चाहता हुँ।
कार्ल गाऊस:
मात्र तीन वर्ष की उम्र में अपने पिता के ईंट के भट्टे पर खेलते खेलते अपने ज्ञान का पर्चा देना शुरू कर दिया। जब गाऊस ठीक ढंग से बोलना भी नहीं जानते थे। पिता अपने मजदूरों को तनख्वाह देने के लिये जो सूची बना रखी थी उसे देख कर गाऊस बोले " Total is wrong- Total is wrong" पिता को आश्चर्य हुआ, उन्हे बालक को पूछा कहाँ ? तो गाऊस ने अपनी ऊंगली वहाँ रख दी जहां वाकई जोड़ में गलती थी। 19 वर्ष में " कार्ल गाऊस फ़्रेडरिक" ने गणित के कई सिद्धान्तों की खोज की और इन्ही गाऊस को हम उनके चुंबकीय खोज के अलावा चुंबकत्व को मापने की ईकाई "गाऊस" के रूप में भी जानते हैं।
जाकी ईनोदी:
रत्ना जी के बताये बच्चे की तरह ईटली के जाकी ईनोदी पशु चराते चराते एक बहुत बड़े गणितज्ञ बने थे, इनोदी अपने ज्ञान को उसी तरह प्रदर्शित किया करते थे जैसे वो नन्हा बालक करता है। फ़र्क यही है कि वो सड़कों पर करता है और इनोदी स्टेज पर करते थे। एक बार उन्होने 1,19,55,06,69,121 का वर्गमूल तो मात्र 23 सैकण्ड में ( 3,45,761) बता दिया था
जेडेडिया बक्स्टन:
अनपढ़, और निपत देहाती, लिखना और पढ़ना बिल्कुल नहीं जानने वाले बक्सटन खेती करते थे, परन्तु दिमाग इतना तेज की खेत में पैदल चल कर उसका क्षेत्रफ़ल सचोट बता देते थे, वैज्ञानिकों ने उनको एक बार आजमाया और बाद में एक नाटक दिखाने ले गये, नाटक के अंत मे बक्सटन ने बताया कि नाटक में कलाकार कितने शब्द बोले और कितने कदम चले, वैज्ञानिकों ने स्क्रिप्ट देखी तो पाया कि बक्सटन बिल्कुल सही थे।
भारतीय गणितज्ञ:
श्याम मराठे:
नाम के इस गणितज्ञ ने 24,24,29,00,77,05,53,98,19,41,87,46,78,26,84,86,96,67,25,193 हाश... इतनी लम्बी संख्या का 23वां वर्गमूल ( 57) कुछ ही मिनीट में बता दिया और वो भी मौखिक।
दिवेश शाह:
शकुन्तला देवी:
इन मानव कम्प्युटर महिला के बारे में बताने की आवश्यकता है?
श्रीनिवास रामानुजन आयंगर:
के बारे में भी कुछ लिखना जरूरी नहीं लगता, क्यों कि हर भारतीय इन्हें अच्छी तरह से जानते हैं।
इन के अलावा लम्बी सुची (लगभग 100 लोगों की)
सौजन्य: सफ़ारी
शनिवार, जुलाई 22, 2006
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13 टिप्पणियां:
सागर जी,
आपको फिर से मुस्कुराता देख बहुत अच्छा लगा। मैं अपनी ई-मेल बहुत कम देखती हूँ इसलिए जब तक आपका पत्र पढ़ा
जवाब देना बेमाइना हो चुका था । जन्मदिन केलिए ढेर सा आशीर्वाद । आप ऐसे ही काम की बातें बताते रहें।
जहाँ तक उस बच्चे का सवाल हैै मैं उसकी सेलज़मैनशिप और उसके आत्मविश्वास से भी प्रभावित हुई क्योंकि उसने सही खरीददार ढूंढाा था सटीक बातचीत की थी और हमारे गनर की घुड़की से विचलित न हुया था यही नहीं हमारे बाद उसने कई कारों में झांका और दूसरे सही खरीददार के पास जा पहुँचा । जल्दी ही आगे की कथा भी लिखूगीं
मैरी तो गणित से बहुत फटती है भाईसा. पर वैदिक गणित के कुछ जुमले करके मजा आया.
पढ़ कर लगता हैं वाह! गणित, वरना तो आह, गणीत..
सागर जी, मेरे विचार से Human Calculator और गणितज्ञ में बहुत अंतर है. उस दृष्टि से आपकी सूची में केवल रामानुजन और गौस ही गणितज्ञ के रूप में उपयुक्त हैं. नि:संदेह ये दोनों सर्वकालीन महान गणितज्ञ हैं. Human Calculators आम जनता को आसानी से चमत्कृत कर पाते हैं, गणितज्ञ नहीं.
सागर जी
बड़ी अच्छी जानकारी दी है आपने. खास तौर से भारतीय गनिताग्यों और वैज्ञानिकों के बारे में अगर विस्तृत जानकारी दे सकें तो और अच्छा रहेगा.
आपके द्वारा ऐसी वैज्ञानिक जानकारियाँ संग्रहयोग्य हैं, अगर ऐसी जानकारियों के सूत्र किसी सही स्थान (वेबपृष्ठ) पर एकत्र नहीं किए जा सकते तो अच्छा होता।
क्या बात है। कई लोगों के बारे में मैं भी जानता था। दोहराव के साथ ज्ञानवर्धन हुआ।
आपने बहुत ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी है.
दीपक भारतदीप
सागर भाई, गणित से दुश्मनी है। पांचवीं में 96 अंक कट गए थे सौ में से । सिर्फ चार पल्ले पड़े थे। शायद नाम के हिज्जे सही लिखने के मिले होंगे।
अलबत्ता जीवनियां पढ़ने में मन रमता है , सो यहां भी रम गया। शुक्रिया...
कृपया इस ग्रुप के भी सदस्य बनें
शम्भु चौधरी
http://groups.google.com/group/samajvikas
सूचना परक आलेख के लिए शुक्रिया
nice
THANX SIR PLEASE GIVE ME YOUR CONTACT NUMBER MY EMAIL
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