tag:blogger.com,1999:blog-23868474.post114355144930613315..comments2023-10-19T18:47:03.547+05:30Comments on दस्तक: हिन्दी मे सुधार के लिये एक सुझावSagar Chand Naharhttp://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-23868474.post-1144042776902272412006-04-03T11:09:00.000+05:302006-04-03T11:09:00.000+05:30आप सभी वरिष्ठ चिठ्ठाकारों का हार्दिक धन्यवाद जिन्ह...आप सभी वरिष्ठ चिठ्ठाकारों का हार्दिक धन्यवाद जिन्होनें मेरे लेख पर विचार व्यक्त किये. हिन्दी भाषा अपने आप में इतनी सम्रद्ध है कि मुझे भी आप की ही तरह उसमें बदलाव की कोई आवश्यक्ता महसूस नहीं होती.Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23868474.post-1143811757614112452006-03-31T18:59:00.000+05:302006-03-31T18:59:00.000+05:30सागर जी स्वागत है चिठ्ठा जगत मेवैसे दिये गये सुझाव...सागर जी स्वागत है चिठ्ठा जगत मे<BR/><BR/>वैसे दिये गये सुझाव पढने लायक भी नही है, ये तो देवनागरी की हत्या हो जायेगी.<BR/><BR/>आशीषAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23868474.post-1143565112080233552006-03-28T22:28:00.000+05:302006-03-28T22:28:00.000+05:30सागर जी,हिन्दी चिट्ठाकारों के परिवार में आपका स्वा...सागर जी,<BR/>हिन्दी चिट्ठाकारों के परिवार में आपका स्वागत है। आशा है आप लगातार लिखते रहेंगे।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23868474.post-1143560294369526522006-03-28T21:08:00.000+05:302006-03-28T21:08:00.000+05:30सागर जी, हिन्दी ब्लॉग जगत् में आपका हार्दिक स्वागत...सागर जी, हिन्दी ब्लॉग जगत् में आपका हार्दिक स्वागत् है। आशा है यहाँ आपकी क़लम (की-बोर्ड) ऐसे ही अनवरत चलती रहेगी।<BR/><BR/>वैसे, दिए गए सुझावों में मुझे कोई भी सुझाव सार्थक नहीं लगा। हर भाषा और लिपी की अपनी विशिष्टताएँ होती हैं। शिरोरेखा उस विशिष्टता के अन्तर्गत आती है, न कि कमी के अन्तर्गत।<BR/><BR/>जहाँ तक पूर्णविराम की जगह '.' के प्रयोग का प्रश्न है, यह तर्क गले नहीं उतरता कि इससे जगह बचेगी और कम स्थान का प्रयोग होगा। इस तर्क के हिसाब से तो अगर किसी भी भाषा के लिए शॉर्टहैण्ड का इस्तेमाल किया जाए, तो वह बेहतर रहेगा।<BR/><BR/>'ू' और 'ी' की मात्रा के स्थान पर 'ु' और 'ि' के प्रयोग का सुझाव तो अत्यन्त हास्यास्पद है।Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23868474.post-1143557994290769662006-03-28T20:29:00.000+05:302006-03-28T20:29:00.000+05:30मे बड़ा किस्मत वाला हुँ कि आज चिठ्ठा समोह के पंकज ज...मे बड़ा किस्मत वाला हुँ कि आज चिठ्ठा समोह के पंकज जी ओर अनुनाद जी जैसे ने दो वरिष्ठ सदस्यों ने मेरा उत्साह वर्धन किया, बस इसी तरह अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखियेगा, धन्यवादSagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23868474.post-1143554451165577692006-03-28T19:30:00.000+05:302006-03-28T19:30:00.000+05:30सागरचन्दजी, हिन्दी चिट्ठाजगत मे आपका स्वागत है. आज...सागरचन्दजी, <BR/><BR/>हिन्दी चिट्ठाजगत मे आपका स्वागत है. आज नारदमुनी ने आपके ब्लोग के बारे मे अवगत कराया. वैसे आपके परिपक्व विचारों को मैने रवि कामदार (जो हमारे तरकश नेटवर्क के सदस्य है) के ब्लोग पर पढा है. आशा है आप अविरत लिखते रहेंगे.पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.com